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देश में कानूनी सहायता संस्थानों के क्या कार्य हैं ?

कानूनी सहायता संस्थानों के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं-

  1. योग्य व्यक्तियों को उपयुक्त मुफ्त कानूनी सेवाएँ प्रदान करना।
  2. विवादों को आपसी सहमति से निपटानें के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना।
  3. कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन करना।
  4. नालसा के द्वारा निर्देशित योजनाओं, कार्यक्रमों और नीतियों का पालन करना।
पैरा लीगल वॉलंटियर्स कौन होतें है ?

वह व्यक्ति जिसे कानून एवं कल्याणकारी योजनाओं की आधारभूत जानकारी हो और जो अपने पड़ोस में सहायता करने के लिए तत्पर हो उसे पैरा लीगल वालिंटियर्स के रूप में संबंधित कानूनी सेवा संस्थान के द्वारा चयनित किया जाता है।

पैरा लीगल वॉलंटियर्स कौन हो सकतें हैं ?
  • अधिवक्ता, सरकारी और निजी स्कूलों के अध्यापक, लेक्चरार।
  • आंगनवाड़ी कर्मचारी।
  • सरकारी और निजी डाक्टर एवं अन्य सरकारी कर्मचारी।
  • विधि, शिक्षा, समाज सेवी संस्थानों के विद्यार्थी।
  • गैर सरकारी संस्थान आदि।
पैरा लीगल वॉलंटियर्स कौन हो सकतें हैं ?
  1. अधिवक्ता, सरकारी और निजी स्कूलों के अध्यापक, लेक्चरार।
  2. आंगनवाड़ी कर्मचारी।
  3. सरकारी और निजी डाक्टर एवं अन्य सरकारी कर्मचारी।
  4. विधि, शिक्षा, समाज सेवी संस्थानों के विद्यार्थी।
  5. गैर सरकारी संस्थान आदि।
पैरा लीगल वॉलंटियर्स के क्या कर्तव्य हैं?
  1. समाज के कमजोर वर्गो को विशेष रूप से शिक्षित करना।
  2. लोगों के बीच उनके मूलभूत अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों एव विधिक अधिकारों  के प्रति जागरूकता का प्रसार करना।
  3. कानूनी साक्षरता कैम्पों के आयोजन में सहायता करना।
क्या जेलों में भी पैरा लीगल वॉलंटियर्स होतें हैं ?

हाँ, कुछ शिक्षित कैदी जो कि केन्द्रीय कारागार या राज्य कारागार में लंबी सजा भुगत रहें होते हैं उनकी पहचान करके उन्हें पैरा लीगल वॉलंटियर्स के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है।

क्या पैरा लीगल वॉलंटियर्स के कार्य की जांच नियमित रूप से की जाती है ?

जि.वि.सेवा.प्रा. के सचिव के द्वारा पैरा लीगल वॉलंटियर्स के कार्यों की प्रत्येक माह जांच की जाती है।

कानूनी साक्षरता का प्रसार कैसे किया जाता है ? क्या गैर सरकारी संस्थान कानूनी साक्षरता/ जागरूकता का प्रसार करने में विधिक सेवा प्राधिकरण की गतिविधियों में भाग ले सकतें हैं ?

विधिक सेवाएँ प्राधिकरण कानूनी साक्षरता का प्रसार निम्न प्रकार से करता है –

  1. कानूनी साक्षरता शिविरों का आयोजन करना।
  2. कानूनी विषयों पर वर्कशाप का आयोजन करना।
  3. आम जनता को कानूनी साहित्य क्षेत्रीय भाषा में विविध कानूनी विषयों पर उस क्षेत्र के विशेषज्ञ द्वारा लिखी गई पुस्तकें प्रकाशित करवाकर कम मूल्य पर उपलब्ध करवाना।
  4. सामान्य जनता में रेडियो टेजीविजन आदि मीडिया के साधनों द्वारा जागरूकता का प्रसार करना।

विधिक सेवाएँ प्राधिकरण सभी व्यक्तिगत और गैर सरकारी संस्थानों का जो कि उपरोक्त वर्णित गतिविधियों में भाग लेने के इच्छुक होतें हैं उन सब का स्वागत करता है।

राष्ट्रीय कानूनी साक्षरता मिशन का उद्देश्य क्या है ?

नालसा के द्वारा गठित राष्ट्रीय कानूनी साक्षरता मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीबों को सशक्त करना, वंचित व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं और बच्चों को कानूनी साक्षरता के द्वारा उनके अधिकारों के प्रति और सम्मान के साथ जीने के लिए कानून के समक्ष समानता से जीने  के लिए जागरूक करता है।

क्या न्यायिक अधिकारियों को कानूनी सेवा योजनाओं और कार्यक्रमों के विषय में संवेदनशील बनाना आवश्यक है ?

हॉ, एक बार यदि देश के न्यायिक अधिकारी कानूनी सहायता योजनाओं और कार्यक्रमों के महत्व और आवश्यकता के प्रति संवेदनशील हो गए तो वे स्वयं समाज के गरीबों, पिछड़े  और कमजोर वर्गों जो कि अपने कानूनी केसों के लिए अपना वकील करने में असमर्थ है, उनकी स्वयं ध्यान रखना आंरभ कर देंगे।