जांच एवं मूल्यांकन समिति कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए दिए गए प्रार्थना-पत्र का मूल्यांकन करती है और नालसा (मुफ्त एवं सक्षम विधिक सेवाएँ) के अधिनियम 2010 के अधिनियम न. 7 के अंतर्गत यह भी निर्णय करती है कि क्या प्रार्थीं कानूनी सहायता प्राप्त करने के योग्य भी है या नहीं।