कानूनी सेवाएं निम्नलिखित स्थितियों में वापिस ली जा सकती हैं-

  • जब सहायता प्राप्त व्यक्ति के पास पर्याप्त स्ांसाधन हो।
  • जब सहायता प्राप्त व्यक्ति ने कानूनी सेवाएँ मिथ्या निरूपण अथवा कपट के द्वारा प्राप्त की हो।
  • जब सहायता प्राप्त व्यक्ति विधिक सेवाएँ प्राधिकरण/समिति के साथ अथवा विधिक सेवाएँ अधिवक्ता के साथ सहयोग न कर रहा हो।
  • जब व्यक्ति ने विधिक सेवाएं प्राधिकरण/समिति के द्वारा नियुक्त अधिवक्ता के अतिरिक्त अन्य विधि व्यवसायी को भी यह कार्य सौंपा हो।
  • सहायता प्राप्त व्यक्ति की मृत्यु हो जाने की स्थिति में अपवाद स्वरूप दीवानी केस में जहां अधिकार और दायित्व बाकी हों।
  • जहां कानूनी सहायता के लिए प्राप्त प्रार्थना पत्र में कानून का दुरूपयोग होना पाया जाए।