हाँ, कुछ शिक्षित कैदी जो कि केन्द्रीय कारागार या राज्य कारागार में लंबी सजा भुगत रहें होते हैं उनकी पहचान करके उन्हें पैरा लीगल वॉलंटियर्स के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है।