गुमशुदगी से वापसी तक का सफर
प्रेम, एक किशोरी जो पारिवारिक तनाव और भावनात्मक संघर्षों से गुजर रही थी, अपने घर के माहौल से बेहद परेशान थी। उसे बार-बार डांटा जाता था और उसकी भावनाओं को अनदेखा किया जाता था। इस निराशा में, उसने आरोपी (Accused)जो उसका अच्छा मित्र था, से संपर्क किया और उसके साथ अपना घर छोड़कर चली गई।
आरोपी उसे पहले अपनी बहन के घर (Accused Sister’s House) ले गया, जहां वह कुछ दिन रुकी। इसके बाद, उसने प्रेम को अपने दोस्त के घर (Accused Friend’s House) भेज दिया, और अंत में उसे अपने घर (Accused’s Home) ले गया। इस दौरान, प्रेम का परिवार उसकी तलाश कर रहा था। पुलिस की सक्रियता से, अंततः प्रेम को ढूंढ लिया गया और उसे सुरक्षित रूप से उसकी माँ के पास वापस लाया गया।
हालांकि, घर लौटने के बावजूद, प्रेम वहां रहने को तैयार नहीं थी। उसे लगा कि उसकी बड़ी बहन, जो उसे अधिक समझती थी और डांटने की बजाय उसकी बातें सुनती थी, उसके लिए बेहतर अभिभावक साबित हो सकती थी।
पुनर्वास और मनोवैज्ञानिक समर्थन
प्रेम को उसकी माँ और सहायक व्यक्ति सफ़ीना जी के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) कार्यालय लाया गया, जहां व्यक्तिगत और पारिवारिक काउंसलिंग की गई।
काउंसलिंग के दौरान, प्रेम ने अपने मन की बातें साझा कीं। उसने बताया कि घर में अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हैं और उसकी माँ उसे बार-बार डांटती हैं, जिससे वह खुद को उपेक्षित और असहाय महसूस करती है। उसकी माँ, जो अकेले घर और बच्चों की जिम्मेदारियां उठा रही थीं, ने स्वीकार किया कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से थकी हुई थीं और इस कारण प्रेम की भावनाओं पर ध्यान नहीं दे पाती थीं।
मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और सहयोग
काउंसलर ने प्रेम के व्यवहार में असामान्य लक्षणों को नोट किया। गंभीर चर्चा के बावजूद, वह हमेशा हल्की मुस्कान बनाए रखती थी, चाहे विषय कितना भी गंभीर क्यों न हो। उसकी प्रतिक्रियाएं सीमित और धीमी थीं, और वह सीधी बातचीत से बचने की कोशिश कर रही थी।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, काउंसलर ने प्रेम के मानसिक स्वास्थ्य की गहराई से जांच कराने की सलाह दी और IHBAS (Institute of Human Behaviour and Allied Sciences) में मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए रेफर किया। परिवार की सहमति के बाद, प्रेम के लिए पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए सुझाव दिया।
शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
प्रेम को एक नया अवसर देने के लिए, उसे प्रयास संस्था में DLSA (NW ) secretary के माध्यम से NIOS (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) कक्षा 12वीं में दाखिला दिलाया गया।
साथ ही, काउंसलिंग सत्रों में SWOT विश्लेषण (Strengths, Weaknesses, Opportunities, Threats) और मानव विकास चक्र (Human Development Life Cycle) पर चर्चा की गई, जिसमें सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक मुद्दों एवं जरूरतों को समझने और प्रबंधित करने के तरीके बताए गए।
प्रेम को उसकी रुचि के अनुसार सिलाई और बुनाई जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे वह अपने भविष्य के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सके।
व्यक्तिगत और पारिवारिक सुधार
पांच काउंसलिंग सत्रों के बाद, प्रेम के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव दिखाई देने लगे:
✅ वह घर के कामों में मदद करने लगी। ✅ उसने निजी तौर पर सिलाई और बुनाई सीखना शुरू कर दिया। ✅ उसे गुस्से को नियंत्रित करने और भावनाओं को उचित समय और परिस्थिति में व्यक्त करने की तकनीकें सिखाई गईं। ✅ उसकी माँ को यह सलाह दी गई कि वे पुराने घटनाओं को दोबारा न दोहराएं, ताकि प्रेम को भावनात्मक स्थिरता मिले।
समय के साथ, प्रेम को आध्यात्मिकता में भी शांति मिलने लगी, और उसने मंदिर में समय बिताना शुरू कर दिया, जिससे उसकी मानसिक स्थिति और अधिक संतुलित हो गई। इस बीच, प्रयास संस्था ने अप्रैल में NIOS में उसके प्रवेश की पुष्टि कर दी, जिससे उसकी शिक्षा की राह साफ हो गई।
स्वतंत्रता और उज्जवल भविष्य की ओर
संरचित काउंसलिंग, पारिवारिक समर्थन, शिक्षा और व्यावसायिक मार्गदर्शन ने प्रेम को धीरे-धीरे संकटग्रस्त किशोरी से आत्मविश्वास से भरपूर युवा लड़की में बदल दिया।
✅ उसकी माँ, जो पहले असहाय महसूस कर रही थीं, अब अपनी बेटी को बेहतर तरीके से समझने और समर्थन देने लगीं। ✅ पारिवारिक माहौल में सुधार आया, और प्रेम को एक स्थिर और सकारात्मक जीवन की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिला।
नए जीवन की शुरुआत
शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए, प्रेम का केस सफलतापूर्वक बंद कर दिया गया, लेकिन यह उसकी नई यात्रा की शुरुआत थी।
✨ एक ऐसी यात्रा, जिसमें नए अवसर, आत्म-खोज, और आत्मनिर्भरता शामिल थे। ✨ जिसने प्रेम को अपने भविष्य को खुद संवारने की शक्ति दी।
💡जो आत्मनिर्भरता, सशक्तिकरण और उज्जवल भविष्य की ओर जाता है।
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